कविता : नफरत को भगाओ....
जहां प्रेम है
वहां सुगंध है
जहां नफरत है
वहां दुर्गंध है
नफरत में
गंदगी है
प्रेम में
जिंदगी है
नफरत तो
गंदगी का घड़ा है
प्रेम से ही तो
ये संसार अड़ा है
इस लिए हर कोई
प्रेम को अपनाओ
नफरत को हमेशा
दूर ही हटाओ
नफरत को हमेशा
दूर ही हटाओ.......
netra prasad gautam