हिंद की चादर,
गुरु तेग बहादुर।
धर्म रक्षक,
साहसी पुरुष।
सिख धर्म के नौवें गुरु,
सर्वदा रहेंगे प्रभु।
अमृतसर में जन्मे थे,
बचपन से ही ।
धर्म पर थे लगे,
सत्य और न्याय की राह।
हमेशा ही उन्होंने अपनाई,
धर्म की रक्षा के लिए।
अपना बलिदान दिया था,
मुग़ल बादशाह के अत्याचारों से।
सिखों को बचाया था,
दिल्ली में कटार से हुआ था वध।
पर उनकी शहादत अमर हुई,
सिखों के लिए, बने थे प्रेरणा स्रोत।
उनकी शिक्षाओं ने, जीवन को सजाया।