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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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कविता की खुँटी

                    

कविता - क्यों की वह बेगम है

(कविता) (क्याें कि वह बेगम है.....)
काैन जाने नारी काे कितना गम है
क्याें कि वह एक साेहर की बेगम है
कर कर शादी एक पत्नी बन कर
वह पति के घर जा कर
वहाँ पर उसे सभी से है डरना
घर का सारा काम उसे ही है करना

साधारण नहीं उस में कितना दम है
क्याें कि वह एक साेर की बेगम है
है घर में सास ससूर जेठ जेठानी
दाे बच्च्चे अाैर है ननद महारानी
सुबह शाम खाना सब काे खिलाती
पानी भी दिन भर घडी घडी पीलाती

कर कर भी इतना इज्जत उसकी कम है
क्याें कि वह एक साेहर की बेगम है
घर से थाेडी दूर जा कर पानी भरती
कभी कुछ करती ताे कभी कुछ करती
घर पर कपडे भी सभी के धाेती
थक कर कभी छुपके से वह राेती

उसका दिल टुट चूका न पट्टी मरहम है
क्याें कि वह एक साेहर की बेगम है
सास ननद पति सभी के पाव दबाती
फिर भी बेचारी वही डांट खाती
दुखाें भरी कहानी न खुशी का गीत है
अाज वह बहुत पीडित है

ये ताे बडा जुलम अाैर सितम है
क्याें कि वह एक साेहर की बेगम है
सभी ने उसकाे जिम्वेबारी दिया है
घर का सारा ठेक्का उसीने लिया है
दुख अाैर ब्यथा बताए भी किसे
उसका पति ही देखता नहीं उसे

बेकार अपना उसी का ही प्रितम है
क्याें कि वह एक साेहर की बेगम है
पुरुष अपनि अादत बदले ताे
साथ-साथ नारी काे ले कर चले ताे
तभी जा कर अागे वह बढ पाएगी
घर समाज देश में समृद्धि भी लाएगी

हाे बडी महान तुम्हें मेरी नमन है
क्याें कि वह एक साेहर की बेगम है
क्याें कि वह एक साेहर की बेगम है.......




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

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अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bemishal khoobsoorat Gautam Sir aap jab bhi likhate hain kamaal ka likhte hain maa saraswati aap par aisi hi krpa banaye rakhein aur swasthya jeewan ke sath sath anvarat lekhan ke liye prerit karti rahein

नेत्र प्रसाद गौतम replied

श्रीमान अशोक कुमार पचौरी जी हार्दिक नमस्कार नमस्कार आप ने फिर इस रचना को भी प्रशंसा करके मेरा मन प्रफुल्लित किया आप ने सचमुच ही मुझ को आगे बढ़ने में प्रेरित कर रहे हैं इसके लिए मैं आपका बहुत बहुत आभारी हूं आप भी स्वस्थ्य रहें व्यस्त रहें धनयवाद।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Pranam sweekar karein 🙏🙏

Shyam Kumar said

Bahut jyda Behtarin likha ha..aapki kalam m jadu ha. Jab bhi likhti ha kamal ka likhti ha.

नेत्र प्रसाद गौतम replied

नमस्कार श्याम कुमार जी आप की प्रशंसा ही मेरे लिए आगे बढ़ने में सहायक है धन्यवाद।

Komal Raju said

बहुत सुंदर लिखा है आपने आपके विचार बहुत सुंदर है और औरतों के लिए आपकी भावनाएं भी

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