कविता : कोई किसी का नहीं....
आज तुम किसी को
देखोगे जन्म लेते हुए
कल वही देखेगा
तुम को मरते हुए
अपना यहां कुछ नहीं
सही सत्य यही है
वास्तव में यहां कोई
किसी का नहीं है
वास्तव में यहां कोई
किसी का नहीं है.......
netra prasad gautam