दूर कहीं मंजिल की मीनार दिखाई देती है
हर कदम पर पर नई दीवार दिखाई देती है
कहने को सभी अपने हैँ बेगाना भला कौन
मुश्किल हो यार की तस्वीर दिखाई देती है
बीती यादों ने छोड़ा है दामन ये मुश्किल से
बिखरे जो ख़्वाबों की जागीर दिखाई देती है
कितने मीठे सपने लेकर सोया है यह बच्चा
जरा सी आहट पे टूटती नींद दिखाई देती है
दास आता है सूरज लेकर जब नई अंगड़ाई
तो दुनिया में सवेरे की तासीर दिखाई देती है!