चारों ओर से पैदावारी हरे भरे हैं । वहाँ स्वर्ण पैदावारी की कोई कमी नहीं है । उस गांव का नाम सुवर्ण नगर है । वहाँ के प्रत्येक आदमी के समान औरत भी खेती में काम बांटते थे । उस गांव में एक मध्यवर्ती आदमी रहते थे । उसका नाम रामाराव और उसके पति के नाम सूरम्मा, उन दोनों को पढ़ना लिखना न आते ।
उन दोनों के इकलौता बेटा है ।उसका नाम सुमन है भोली भाली सूरत का चेहरा वाला लड़का है ।रामा राव सूरम्मा से ऐसा कहा -हम जितने भी क्लेश उठना पड़े,पर हमारे बेटा को किसी भी हालत में हमारे जैसे बनने नहीं दूंगा ।
ऐसे कह कर दोनों ठान लिया कि हमारा बेटा सुमन का भविष्य के लिए पढ़ना जरूरी समझ कर रोज स्कूल भेजते थे ।
अपने माता-पिता की दीनता को देखकर उसी दिन से सुमन चाव से पढ़ने लगा । बढ़ते बढ़ते सुमन मां बाप के काम में भी सहायता करने
लगा । सुमन ने डिग्री पूरा किया, उसके बाद बैंक कोचिंग जाने के लिए पापा से कहा । रामाराव के मन में जमीन बेचने की मन नहीं आया ।पर अपने बेटे के भविष्य के लिए कठिन निर्णय लेना पड़ा । वह अपने डेढ़ एकड़ बेचकर सुमन को कोचिंग भेजवाया ।
सुमन अपना हाथ पैर मार कर पेश कमाया ।
इस बात सुनकर उसके मां-बाप बहुत खुश हुए ।
बचपन से उसके भानजी सरस को बहुत चाहता था, उन दोनों की सगाई हुई । विवाह के लिए चार महीने शेष है ।सुमन उद्योग करने हैदराबाद गए ।
वहाँ सुमन को सब मित्र बन गए । सुमन के जिंदगी थोड़ा-थोड़ा सुधार होने लगा ।
I am so happy to be a part of this likhantu.com, thanks for watching my creations and thanks for inviting me.
Please send feedback.

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




