इतना भी आसान नहीं है,
यारो भूत का दिख जाना !!
इतना ही आसान अगर है,
सच में जाकर मिल लेना !!
डर से बड़ा कोई भूत नहीं है,
तुम मानो या ना माने !!
होते होंगे सच में कोई,
पर सबको ना समझ लेना !!
एक तो फिजिकल रूप से दिखना,
कभी संयोग भी हो सकता है !!
पर हैं इतने दुर्लभ यारो,
सबको न भूत समझ लेना !!
कई सालों से बंद हो कमरा,
आहट-वाहट हो सकती है !!
हाथ जोड़कर अगले दिन ही,
रूम को छोड़के चल देना !!
- वेदव्यास मिश्र की समझाइश भरी कलम से..
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




