कविता : काम चलता रहेगा....
तुम नहीं आओगी भी
मेरा काम चलेगा
सुबह भी उगेगा
शाम भी ढलेगा
रोटी भी पकेगा
चूल्हा भी जलेगा
तुम नहीं आओगी भी
मेरा काम चलेगा
तुम्हारे बगैर मैं बंधा
थोड़ी हाथ मलेगा
तुम नहीं आओगी भी
मेरा काम चलेगा
मेरे बगीचे में फूल भी खिलेगा
फल भी फलेगा
तुम नहीं आओगी भी
मेरा काम चलेगा
मैं आदमी हूं मेरा दिल किसी
के साथ तो बहलेगा
तुम नहीं आओगी भी
मेरा काम चलेगा
तुम सोच रही हो मुझे
कुछ नहीं मिलेगा
तुम नहीं आओगी भी
मेरा काम चलेगा
तुम नहीं आओगी भी
मेरा काम चलेगा.......
netra prasad gautam


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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