कविता : जिंदगी चल रही है....
किसी को भी नहीं
सता रहा हूं
कुछ दो चार बातें
बता रहा हूं
कभी दूर जा रहा हूं
कभी पास आ रहा हूं
कभी पानी पी रहा हूं
कभी खाना खा रहा हूं
कभी बैठ रहा हूं
कभी सो रहा हूं
कभी हंस रहा हूं
कभी रो रहा हूं
कभी स्वस्थ हूं तो
कभी बीमार हूं
कभी मस्त हूं तो
कभी लाचार हूं
हर क्षण दिल धड़क
रही सांस चल रही है
इसी तरह से ये
जिंदगी भी निकल रही है
इसी तरह से ये
जिंदगी भी निकल रही है.......