तन्हाई से कुछ भी कहने की हिम्मत नही।
सुबह घूमने जाने की हमारी फितरत नही।।
आया है यार कल कहूँ किससे उल्फत में।
नई हसरत आई पहले वाली हसरत नही।।
हँस के फरमाने लगी खिड़की से झांककर।
आसमान देखता रहा बिगड़े हालात नही।।
आँखे पलक झपका झपका कर देख रहीं।
पहले कभी 'उपदेश'' देखी नजाकत नही।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




