कविता : इंसान कब सुधरेगा....?
कलह,झगड़ा,लड़ाई,नफरत
यही इंसान को चुना लगाए
मगर इंसान को जा कर
ऐसी बात कौन समझाए ?
अगर ये बात उसे
कोई समझा भी पाए
आज का इंसान
उस से ही लड़ जाए
ये देख कुछ भी
समझ न आए
हे इंसान तू कब
सुधरेगा हाए ?
हे इंसान तू कब
सुधरेगा हाए.......?
netra prasad gautam

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




