मुस्कान को देख चेहरे पर तेरे
मुस्कान आ गई,
ख़ामोश थी जो कब से बोलने वो
ज़ुबान लग गई।
उसके साथ ज़िंदगी तेरी
आसान हो गई,
वो मेहमां अब तेरे दिल की
शान बन गई।
मुस्कान तेरे प्यार पर कुर्बान हो गई,
हम शायरों की नज़्म
तेरी और उसकी दास्तान बन गई।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️