ना हिंदू का है
ना मुसलमां का है
हिंदुस्तान तो सभी
हिंदुस्तानियों का है।
एक देश
एक नारा
सबका मालिक
एक वही सहारा।
समझो सभी धर्म ग्रंथों का
इशारा।
तभी मिलेगा किनारा।
वरना बीच भंवर में
उलझे रहोगे।
अधजल गगरी सा सदा
छलकते रहोगे।
आपस में यूं ही
लड़ते रहोगे।
अपना और देश का
नुकसान करते रहोगे।
चाहें क़ुरान की आयतें
हों या रामायण की चौपाई
सबने हीं मिलकर जीना सिखाई।
तो फिर ये कैसी घड़ी आई
भाई से लड़ रहा भाई।
है ये कैसी जग हंसाई
अरे अब बस करो भाई..
मिलकर रहो भाई
अब बस भी करो भाई...
मिलकर रहो भाई..
अब बस भी करो भाई...

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




