कविता : दूसरों की सेवा....
कोई दिक्कत नहीं मंदिर मस्जिद
गुरुद्वारा या चर्च में जाओ
मगर किसी भी प्राणी को दुख और
कष्ट कभी न पहुंचाओ
दूसरों की सेवा ही
उत्तम और सही है
इस से बड़ा धर्म संसार
में कुछ भी नहीं है
इस से बड़ा धर्म संसार
में कुछ भी नहीं है.......
netra prasad gautam