कविता : चलो ठीक है....
तुम पैसे वाले
हो दमदार
चलो ठीक है मैं हूं
गरीब बेकार
तुम आदमी हो
बहुत बढ़िया
चलो ठीक है मैं
हूं एक घटिया
तुम हो सब से
खूबसूरत
चलो ठीक है मैं एक
बदसूरत
तुम हर तरह से
हो अगाडी
चलो ठीक है मैं
हूं पिछाडी
मैं एक निठल्ला हूं लोगों
का ये कहना है कहने दो
चलो ठीक है मुझे मेरे
हाल पर ही रहने दो
चलो ठीक है मुझे मेरे
हाल पर ही रहने दो.......
netra prasad gautam

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




