मन की शांति
शिवानी जैन एडवोकेटbyss
बातों को नज़रअंदाज़ करने की कला,
मन की शांति का सुंदर है ये शिला।
हर शब्द को गर पकड़ोगे, उलझोगे ही सदा,
अनसुनी कर दो कुछ बातें, मिलेगा चैन खुदा।
दुनिया तो कहती रहेगी, अपनी ही कहानी,
हर टिप्पणी को दिल से लगाना, है नादानी।
जो ज़रूरी नहीं, उसे अनदेखा कर जाना,
मन के उपवन में तभी तो, खिलेगा सुखद तराना।
यह सीख ही तो देती है, जीवन को सहज बनाना,
व्यर्थ की बातों में उलझकर, क्यों है खुद को तपाना।
बहती हवाओं की तरह, कुछ बातें उड़ जाने दो,
अपने अंतरमन की शांति का, दीपक जलाए रखो।
यह योग्यता ही तो है, मन को स्थिर बनाने की,
चिंताओं के सागर से, किनारा पाने की।
इसलिए सीखो ये हुनर, जियो खुलकर हर पल,
बातों को नज़रअंदाज़ करना, है शांति का ही तो हल।