कविता - आनंद....
भूखे को रोटी
खिलाओगे तो
प्यासे को पानी
पिलाओगे तो
मन में शीतल छाएगा
बहुत आनंद आएगा
गिरते हुए को
उठाओगे तो
मरते हुए को
बचाओगे तो
मन में शीतल छाएगा
बहुत आनंद आएगा
भटके हुए को
रास्ता दिखाओगे तो
अनपढ़ों को
लिखाओगे पढ़ाओगे तो
मन में शीतल छाएगा
बहुत आनंद आएगा
गरीब के पास
जा कर सघाओगे तो
गरीबों की गरीबी
पार लगाओगे तो
मन में शीतल छाएगा
बहुत आनंद आएगा
हर क्षण हर पल
सकारात्मक सोचोगे तो
रोने वालों को जा कर
उन के आंसू पोंछोगे तो
मन में शीतल छाएगा
बहुत आनंद आएगा
किसी दुर्घटना ग्रस्त
आदमी के पास जाओगे तो
उसे हैस्पिटल ले जा कर
उपचार करवाओगे तो
मन में शीतल छाएगा
बहुत आनंद आएगा
आदमी हो आदमी
बन जाओगे तो
बेसहारों का सहारा
हो जाओगे तो
मन में शीतल छाएगा
बहुत आनंद आएगा
बहुत आनंद आएगा

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




