(कविता) (अगर ये हाेता....)
विद्यालय जा कर हर काेई पढ़ता
पढ़ने के बाद कापी में लिखता
कठाेर से कठाेर परिश्रम करता
दिमाग में अपने ज्ञान-बुद्धि भरता
अगर ये हाेता अच्छा ही हाेता
हर किसी में हाेता उच्च विचार
किसी में न रहता दुराचार
करता सही हर काेई ब्यभार
किसी काे भी नहीं पड़ता यहाँ मार
अगर ये हाेता अच्छा ही हाेता
न बारुद -गाेला न बंदूक बनता
हाेते खुश कितने अाम-लाेग जनता
किसी के पास न हाथ- हथियार
न झगड़ा हाेता न काट-मार
अगर ये हाेता अच्छा ही हाेता
पराेपकारी इंसान हाेता
ये संसार में सभी समान हाेता
न छाेटा-बड़ा न अमीर-गरीब
न काेई पराया सब हाेते करिब
अगर ये हाेता अच्छा ही हाेता
अादमी का अादमी से प्यार
रहे अगर हमेशा बरकरार
अाराम से बैठता चैन से साेता
हर इंसान हंसता काेई न राेता
अगर ये हाेता अच्छा ही हाेता
अगर ये हाेता अच्छा ही हाेता.....