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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

भूतपूर्व पति....

( कविता ) ( भूतपूर्व पति )
पत्नी पति को छोड़

भाग गई है
उसने किसी और से
शादी रचाई है

इस घटना को
करीब दो साल हो रहा
उसका पूर्व पति
उस की याद में रो रहा

वह छोड़ी हुई पत्नी के
फोटो के पास
जा कर बोल रहा
अपनी बातें खास

हे प्राण प्रिय तुमने
मुझको छोड़ा है
हमारे संबंध को मैंने
नहीं तुमने तोड़ा है

मुझे पता नहीं
तुम कहां हो?
अरे फोन कर कर
बताओ तुम जहां हो

तुम खुश रहो
तुमारा पति जैसा भी हो
उस से न मुझे लेना न
देना वह तुमारा कैसा भी हो

किसी से सुना है तुमने
एक प्यारी बेटी को जन्म दिया है
उस बच्ची का नाम भी
बहुत अच्छा रख लिया है

तुमने बच्ची को फिलहाल ही
जन्म दिया तुम हो सकती की नहीं खड़ी
शायद तुम दुबली पतली
हो कर कमजोर तो नहीं पड़ी

मुझे चिंता है घर में ढंग का
खाना खा पाती हो की नहीं
पौष्टिक आहार
तुम खाती हो की नहीं

हे प्रिय तुम जहां हो
फोन कर कर बता दो
तुमारे घर का
मुझको जरा पता दो

तुमारे पास दौड़
दौड़ कर आऊंगा
मेरे यार तुम को
गले से लगाऊंगा

तुमारे लिए मटन
करी बनाऊंगा
अपने हाथों से उस
मटन को तुमें खिलाऊंगा

तुमें याद है जब तुम मेरे साथ
थी तुमारे घुटनों पर दर्द होती थी
उस दर्द के कारण
तुम छटपटा कर रोती थी

तब मैंने तुमारे
घुटनों पर तेल लगाता
मालिश कर कर के
दोनों घुटनें दबाता

शायद तुमारे घुटनों पर
अभी भी दर्द होती तो नहीं
उस दर्द के कारण
तुम कहीं रोती तो नहीं

अगर दर्द है तो मुझे बताओ
घुटनों पर तेल लगाऊंगा
फिर मालिश कर कर के
तुमारे घुटनें घंटों दबाऊंगा
फिर मालिश कर कर के
तुमारे घुटनें घंटों दबाऊंगा.......




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

Bhushan Saahu said

Waah...kya likha h aapne. Bahut bdiya

Lekhram Yadav said

वाह बहुत सुन्दर प्रस्तुति गौतम जी। इतने पत्नी भक्त होते हुए भी पत्नी छोड़ जाए तो क्या करेगा भाग्य और क्या करेगा इन्सान।

नेत्र प्रसाद गौतम said

नमस्कार प्रशंसा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ।

नेत्र प्रसाद गौतम said

नमस्कार प्रशंसा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

रमेश चंद्र said

अपनी पत्नी के प्रति इतना प्रेम अवश्य होना चाहिए

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

महोदय आपकी रचनायें बहुत ही भावनात्मक होती हैं, अधिकतम रचनायें बाल कविता में पढ़ने को मिली लगभग सब तो नहीं पढ़ पाया लेकिन जितनी भी पढ़ीं सब या तो बच्चों और युवाओं को प्रेरणा या ज्ञान देती हुयी नज़र आती हैं या इस रचना की तरह जीवन में सहज जीवन यापन की सलाह देती नज़र आती हैं, प्रणाम स्वीकार करें

Muskan Kaushik said

बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

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