( कविता ) ( भूतपूर्व पति )
पत्नी पति को छोड़
भाग गई है
उसने किसी और से
शादी रचाई है
इस घटना को
करीब दो साल हो रहा
उसका पूर्व पति
उस की याद में रो रहा
वह छोड़ी हुई पत्नी के
फोटो के पास
जा कर बोल रहा
अपनी बातें खास
हे प्राण प्रिय तुमने
मुझको छोड़ा है
हमारे संबंध को मैंने
नहीं तुमने तोड़ा है
मुझे पता नहीं
तुम कहां हो?
अरे फोन कर कर
बताओ तुम जहां हो
तुम खुश रहो
तुमारा पति जैसा भी हो
उस से न मुझे लेना न
देना वह तुमारा कैसा भी हो
किसी से सुना है तुमने
एक प्यारी बेटी को जन्म दिया है
उस बच्ची का नाम भी
बहुत अच्छा रख लिया है
तुमने बच्ची को फिलहाल ही
जन्म दिया तुम हो सकती की नहीं खड़ी
शायद तुम दुबली पतली
हो कर कमजोर तो नहीं पड़ी
मुझे चिंता है घर में ढंग का
खाना खा पाती हो की नहीं
पौष्टिक आहार
तुम खाती हो की नहीं
हे प्रिय तुम जहां हो
फोन कर कर बता दो
तुमारे घर का
मुझको जरा पता दो
तुमारे पास दौड़
दौड़ कर आऊंगा
मेरे यार तुम को
गले से लगाऊंगा
तुमारे लिए मटन
करी बनाऊंगा
अपने हाथों से उस
मटन को तुमें खिलाऊंगा
तुमें याद है जब तुम मेरे साथ
थी तुमारे घुटनों पर दर्द होती थी
उस दर्द के कारण
तुम छटपटा कर रोती थी
तब मैंने तुमारे
घुटनों पर तेल लगाता
मालिश कर कर के
दोनों घुटनें दबाता
शायद तुमारे घुटनों पर
अभी भी दर्द होती तो नहीं
उस दर्द के कारण
तुम कहीं रोती तो नहीं
अगर दर्द है तो मुझे बताओ
घुटनों पर तेल लगाऊंगा
फिर मालिश कर कर के
तुमारे घुटनें घंटों दबाऊंगा
फिर मालिश कर कर के
तुमारे घुटनें घंटों दबाऊंगा.......