देख लो टटोल लो,
जीवन के रंगमंच को !!
जब लगे कि अब परफेक्ट हो,
तो फिर रोका किसने है..
करो फिर अपने मन का !!
राह चलने से पहले ज़रा,
पूछो तो सही !!
काम हर करके खुद ही,
देखना ठीक नहीं !!
ठोक लो पीट लो तबले को,
तुम पहले ज़रा !!
तो फिर टोका किसने है..
करो फिर अपने मन का !!
----वेदव्यास मिश्र
सर्वाधिकार अधीन है