करीबी बनाकर किसी को देखो तो।
सुख चैन को गमा कर जरा देखो तो।।
थोड़ी देर के लिए तासीर पसन्द होगी।
फिर मौसम की तरह बदलते देखो तो।।
अपनी बेवकूफी पर खुद हँसना पड़ेगा।
साली बाद व्यावहार 'उपदेश' देखो तो।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद