कैसी जरूरत उसकी होगी।
कैसा उसका स्वभाव होगा।।
परिकल्पना करना कठिन।
नये दौरे का स्वाध्याय होगा।।
कहानी का अंत ना समझ।
यहाँ से नया अध्याय होगा।।
अब तक खुशी इतिहास में।
अब जो होगा न्याय होगा।।
सहन कर ना पाएगा 'उपदेश'।
खुदकुशी करना अन्याय होगा।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद