कभी-कभी किस्मत भी रूठी रहती।
इंसान अकेले रह जाता दम ना रहती।।
टूटे सपनों के साथ लगाए रहती आस।
शायद आने वाली सुबह रसीली रहती।।
वक्त की बेरहमी हौसला तोड़ ना पाए।
हार ना मानूँगी बिना रुके चलती रहती।।
कोई तो कोशिश रंग लाएगी 'उपदेश'।
कोशिश करने वालों की हार ना रहती।।
अपनी जिन्दगी की जंग लड़नी खुद से।
मेहनत करने वाले को संशय ना रहती।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद