इन कच्ची सड़कों ने मुझे बाज़ीगर बना दिया,
खड्डों ने, खाइयों ने गिरते गिरते बचना सिखा दिया,
दो पहियों पर चलती हुई जिंदगी ने मुझे धीरे धीरे,
निडरता से मृत्यु का सामना करना सिखा दिया,
एक रास्ता सी लगती है मेरे आगे चलती जिंदगी,
बरखा ने भिगो भिगो कर मुझे आत्मा सा बना दिया,
हर रोज़ चलता हूँ अब इस रास्ते के हर पत्थर को,
जनता हूँ , इनके मौन ने मुझे इनका दोस्त बना दिया,
सच सा कठिन है ये रास्ता जिस पर हर रोज़ चलता हूँ
इसने मुझे पीछा करती कुछ अफवाहों से बचा लिया