यक़ीन – रिश्तों की सबसे कीमती नींव
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रिश्ते सिर्फ़ मोहब्बत, अपनापन या साथ भर से नहीं चलते, उनकी असली नींव यक़ीन पर टिकी होती है। जब कोई इंसान अपने दिल का दरवाज़ा खोलकर आप पर भरोसा करता है, तो वह अपने अस्तित्व का सबसे कीमती हिस्सा आपको सौंप देता है।
लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि बहुत बार लोग परिस्थितियों या स्वार्थ में आकर उस भरोसे को तोड़ देते हैं। उन्हें शायद उस वक़्त एहसास भी नहीं होता कि दरअसल वो सिर्फ़ एक “यक़ीन” नहीं तोड़ रहे, बल्कि उस इंसान को तोड़ रहे हैं जिसने आप पर खुद से भी ज़्यादा विश्वास किया था।
यक़ीन टूटने के बाद न रिश्ता पहले जैसा रह पाता है, और न इंसान वैसा रह जाता है। टूटा हुआ काँच जुड़ तो सकता है, मगर उसकी दरारें हमेशा दिखाई देती हैं। उसी तरह टूटा हुआ विश्वास जुड़ भी जाए तो उसकी चुभन कभी मिटती नहीं।
इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपके रिश्ते लंबे समय तक मजबूत बने रहें तो सबसे पहले उन्हें यक़ीन की धरोहर समझें।
*परिस्थिति कैसी भी हो, सच बोलें।
*वादा करें तो निभाएँ।
*और सबसे ज़रूरी, किसी के भरोसे को हल्के में न लें।
क्योंकि यक़ीन एक बार टूट जाए तो इंसान के भीतर का सारा संतुलन भी बिखर जाता है। और फिर चाहे जितनी कोशिश की जाए, न रिश्ता जुड़ता है, और न ही इंसान।
डाॅ. फौज़िया नसीम शाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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