कभी कभी सोचा करता था मैं,
तेरे बिना कैसे जी पाऊंगा मैं,
पर धीरे धीरे तुम ने ही यह सिखा दिया,
चलो अब मुझे तलाश करने की कोशिश मत करना,
क्योंकि तुम ने अपना रास्ता बदला,
तो मैं ने भी अपनी मंजिल बदल ली,
धर्म नाथ चौबे 'मधुकर'
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तेरे बिना कैसे जी पाऊंगा मैं,
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चलो अब मुझे तलाश करने की कोशिश मत करना,
क्योंकि तुम ने अपना रास्ता बदला,
तो मैं ने भी अपनी मंजिल बदल ली,
धर्म नाथ चौबे 'मधुकर'