जब से ख्यालों में साथ तुम्हारा रहा।
तारे ताकते ताकते मेरा गुजारा रहा।।
रात कैसे बीती ये बतानी बाकी अभी।
एहसास न मर जाए याद सहारा रहा।।
पलक झुकाना चाहें ये मजबूर आँखें।
मर्जी न चली उनकी पेच तुम्हारा रहा।।
जुगनू ने थकाया 'उपदेश' अँधेरे को।
रजनी के जाते ही उजाला तेरा रहा।।
- उपदेश कुमार शाक्य वार 'उपदेश'
गाजियाबाद