युग बदलते हैं
युग बदलते हैं
संस्कृति नहीं बदलनी चाहिए
संस्कार नहीं भूलने चाहिए
युग बदलते हैं
सूरज दिन में ही निकलता है
चन्दा रात्रि में ही चमकता है..
युग बदलते हैं
प्रकृति अपनी कोई व्यवस्था नहीं बदलती
ऋतुओं का आवागमन ,त्योहारों का क्रम कुछ भी नहीं बदलता..
युग बदलते हैं
बच्चे से माता-पिता का रिश्ता नहीं बदलता
जन्म से मृत्यु का सफ़र नहीं बदलता
युग बदलते हैं
भावनाएँ नहीं बदलतीं
सुख-दुख ,ख़ुशी-ग़म का ताना-बाना कम नहीं होता
युग बदलते हैं ,बदलते ही रहेंगे
पर हम स्वयम् की पहचान क्यों बदलें
समय के साथ चलते रहें पर अपनी जड़ों को क्यों छोड़ें ..
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




