"... एक ..."
एकल प्यार ,
प्रथम इकरार ,
सदाबहार !
"... दो ..."
दोगलापन
संशय की आहट
घर न घाट !
"... तीन ..."
तीन लोकों में
चौदह भुवनों में
सिर्फ तू ही तू !
"... चार ..."
चारपाई हो ,
या हो भूमि आसन ,
प्रेम पुजारी !
"... पांच ..."
पांच सितारे ,
जिन्दगी में बहार ,
श्रेय आपको !
"... छः ..."
छः पहर में ,
जोगिया री प्रीतड़ी ,
तुम ही तुम !
"... सात ..."
सात जन्म का ,
तेरा मेरा रिश्ता ,
रहे साथिया !
"... आठ ..."
आठ के ठाठ ,
हे विष्णु अवतार ,
दे वरदान !
"... नौ ..."
नौ देवियों का ,
आशीष मिले तुम्हे ,
साजन मेरे !
✒️🖋️🖊️राजेश कुमार कौशल