जीवन का फलसफ़ा
सपने तो सबके खास होते हैं ,
चाहे झोपड़ी के बाहर मिट्टी से घर बनाते बच्चे की आँखों के हों ,
या समंदर की रेत पर खेलते किसी नन्हे के ख़्वाबों में हों ।
फर्क बस इतना है
एक के दिन के सपने भी रात के अंधकार में खो जाते हैं ,
और दूसरे के नींद के सपने भी दिन में रोशनी बिखेर जाते हैं ।
कमाल का है यह जीवन का गणित
जो अपने ज़ज़्बे से ज़िन्दगी निखारना चाहता है ,
उसके पास सहूलतों की कमी हैं ,
उसकी राहें अड़चनों से भरी है ।
और जिसे सीधी राहें मिली हैं ,
जिसका मुकाम कुछ ही कदमों की दूरी पर है ,
वो अपनी ज़िन्दगी में उलझने बढ़ाने में लगा है ।
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




