उसका अंदाज़ निराला किसी और में नही।
यादो के गुलशन मेरे उसकी पसंद मैं नही।।
खुदगरजी का आलम समझते समझते मैं।
इस नतीजे पर पहुँचा उसका आनंद मैं नही।।
मेरी कहानी में थोड़ा दर्द थोड़ा चैन मिलेगा।
भावुक बताती मुझको उसका चाँद मैं नही।।
मेरी जिन्दगी में आँधी उड़ा ले गई खुशियाँ।
मेरी फ़रियाद में वो उसकी फ़रियाद मैं नही।।
रिमझिम बारिश में भीगते देखते रहे लोग।
मददगार कोई नही 'उपदेश' आजाद मैं नही।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद