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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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कविता की खुँटी

                    

जज़्बात वो समझी ना

जज़्बात वो किसी के समझी ना,
फिर क्या ताल्लुक उससे रखना।

रिश्तों को ही सूली चढ़ा डाला,
फिर क्या उम्मीद उससे रखना।

बात का बतंगड़ बना देती है,
फिर बात क्या उससे करना।

सभी से उखड़ी-उखड़ी रहती है
फिर क्या अपनापन उससे रखना।

बिना बात उलझती है सभी से,
फिर क्या इज़्ज़त उसकी करना।

खुद में ही मग़रूर रहती है बस,
फिर क्या उसे अपना कहना।

----- रीना कुमारी प्रजापत ✍️




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह रीना जी,पर किसको खूबसूरत फटकार लगाई जा रही है। सुंदर कविता। अभिनंदन अभिनंदन।

रीना कुमारी प्रजापत replied

Hai koi sir ji, आभार आपका 🙏

कमलकांत घिरी said

Waah kya narajgi hai, bahut achchhe didu👏😊💐🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Humari narazgi bhi apko pasand aai😀😀dhanyawad

शिवचरण दास said

वाह रीना जी. .. आईना दिखा रही हैं

रीना कुमारी प्रजापत replied

जी शुक्रिया 🙏

उपदेश कुमार शाक्यावार said

बेहतरीन भाव प्रस्तुत कर..भाव विभोर कर दिया..अति उत्तम

रीना कुमारी प्रजापत replied

आभार आपका 🙏

वन्दना सूद said

सही लिखा आपने 👏👏जहाँ आपके होने से ख़ुशी नहीं होती वहाँ जाना क्यों

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji wahi to thank you so much 🙏😊

श्रेयसी said

वाह बोलो-बोलो कौन है वो.... वैसे गुबार निकलना भी जरूरी है 👌👌

रीना कुमारी प्रजापत replied

Hai koi di, ji bilkul zaruri hai शुक्रिया 🙏

Lekhram Yadav said

इसे कहते हैं बड़े खूबसूरत अंदाज में किसी की गोभी खोदना, मगर किसकी गोभी खोद रही हो ये भी बता देती। आपको वर्चुअल प्रतिष्ठित रचनाकार पुरस्कार मिला उसके लिए ढेरों बधाई और आशीर्वाद, आपको सुप्रभात सहित सादर नमस्कार।

रीना कुमारी प्रजापत replied

😀😀 है कोई, बहुत बहुत शुक्रिया आपका 🙏 और आपको भी ढेरों बधाईयां, नमस्कार प्रणाम

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