नए साल से उम्मीदें
दिनों की गिनती खत्म होने को है
आखिरी महीना विदा लेने को है
साल नए साल में बदलने की तैयारी में है
सबकी ख़्वाइशें अलग अलग होंगी
कोई चाहता होगा यह साल यहीं रुक जाए
कोई चाहता होगा यह साल जल्दी ही बीत जाए
नए साल से उम्मीदें सबकी अलग होंगी
किसी को नयी राह चुनने की चाह होगी
किसी को अपनी राह को जीतने की चाह होगी
तकदीरें सबकी अपनी अपनी होंगी
कोई अपनी किस्मत समझ कर सह जाएगा
कोई अपने कर्म की ताकत से उसे बदल जाएगा ..
वन्दना सूद