साथी खूब याद आते हैं
छूट जाने के बाद
अपने खूब रूलाते हैं
रूठ जाने के बाद
कोई पूछता तक नहीं
मस्त मलंग दिल को
कीमत इसकी बढ़ जाती है
टूट जाने के बाद
कुछ राज बचत कर रखे थे
अपने मन के गुल्लक में
आंसुओं ने जाहिर कर दी
फूट जाने के बाद
कितने कितने जतन किए
दौलत कमाने के लिए
और कितने जतन करोगे
लूट जाने के बाद
प्रीत की सुगंध भी
सांसों को खूब भाते हैं
अपने अपने प्रियतम के
दूर जाने के बाद
प्राण का पंछी क़ैद है
हाड़ मांस के पिंजरे में
पिंजरा खाली हो जाएगा
पंछी उड़ जाने के बाद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




