एक विरल
एक सघन
एक तरल
सरोवर सरिता हो
या हो सागर
विद्यमान है सर्वत्र
जल ही जल।।
जल देता जीवन
कुंज प्राणी उपवन को
भेद नहीं करता
सदा रहता सौम्य सुंदर
रौद्र रूप में जब वह आता
लील लेता जो उसके समक्ष आ जाता
विनाश में भी रहता एक समान
जल है कितना पवित्र महान
मानो तो गंगा
गोदावरी
यमुना
विलुप्त सरस्वती
न मानो तो बहता पानी
जल जीवन की यही है कहानी
जल जीवन की यही है कहानी।।
----मनोज सिन्हा