जल ही जीवन है,
जल ही आधार।
बिना जल के,
नहीं कुछ संसार।
नदियाँ, झीलें, समुद्र, सागर,
जल के ही हैं ये, अनेक रूप धार।
जल से ही जीवन का जन्म हुआ,
जल से ही संसार का निर्माण हुआ।
जल से ही पौधे हरे-भरे खिलते,
जल से ही जीव-जंतु पलते।
जल से ही बादल बनते,
वर्षा होती, जल से ही धरती को जीवन मिलती।
जल से ही हम पीते, नहाते,
जल से ही खेती करते, पौधे सींचते।