लबों पे रुक गई जो बात वो हम जानते हैं
शुक्रिया है आपका अहसान तेरा मानते हैं
कोई है हमदम कहाँ इस भरी महफिल में
आप हैं सबसे जुदा सिर्फ इतना जानते हैं
अब हमारा नाम है बदनाम इतना शहर में
पीठ पीछे मरने की ही दुआ सब मांगते हैं
आपके अंदाजे बयां का दिल बड़ा है मुरीद
हम तेरी अदायगी बेहतर सभी से मानते हैं
कर दिया है दास जादू देखो कैसा इश्क ने
मेरा कातिल है वही यार जिसको मानते हैं..