कविता - तिनका....
ये प्यार भी क्या है यार ?
लगता है पूरा बेकार
इस प्यार व्यार में डिप्रेशन बढ़ गया
40 किलो वजन में 10 किलो घट गया
कुछ सूझता नहीं
खाना रूझता नहीं
आंख से आंसू बह रहे
लोग मुझे पागल कह रहे
अब तो प्यार में ऐसा हो गया
एक तिनका जैसा हो गया
खुद से पूछा क्या करना बांकी है ?
अब तो सिर्फ मरना बांकी है
अब तो सिर्फ मरना बांकी है.......