बहुत सुकून आता जब तुम्हारा फोन आता।
कुछ वक्त देखती फिर उठाने का मन आता।।
स्पीकर आँन करते ही आवाजे गूँजने लगती।
हैलो सुनकर झूमती अपनापन नजर आता।।
सम्बन्ध अब भी जिन्दा वही पुरानी आवाज।
सिलसिला शुरू होते मन में कैसे बहार आता।।
शुक्रिया 'उपदेश' कैसे करूँ भगवान तुम्हारा।
दिलचस्प बाते चलती वक्त कैसे गुजर जाता।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद