जब तक बहता दरिया हूं
अरमानों का जरिया हूँ
मुझसे अलग नहीं है कोई
ऐसा एक नजरिया हूँ
जिसमें दाना पानी सबका
ऐसी एक नगरिया हूँ
दोनों ओर घनी छाया है
जंगली एक डगरिया हूँ
इंसानों की इस दुनियां में
रोज नई खबरिया हूँ
दास जरासा दिल में झांको
इश्क कोई बावरिया हूँ
कहने को तो नाम नहीं है
राधा का साँवरियां हूँ
जिसको पीछे छोड़ दिया है
बीती कोई उमरियां हूँ

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




