चुनो नीति तुम कृष्ण की,
....और शस्त्र चुनो परशुराम सा,
भाई जहा भरत सा हो,
....मर्यादा हो श्री राम सा,
हो जहाँ गरिमा सती सी,
....योद्धा हो प्रताप सा,
जहाँ पुत्र श्रवण कुमार जैसा,
....भक्त हो प्रह्लाद सा,
....भक्त हो प्रह्लाद सा,
कवि... राजू वर्मा....
सर्वाधिकार अधीन है