चुनाव में धांधली, अब बाबा नहीं छोड़ेगा।
करोड़ों किए हैं, अंदर।
अब मूड पकड़ कर रोएगा।
प्याज के छिलके की तरह उतर रही है परतें भ्रष्टाचार की।
बहुत बड़ा घोटाला है,
धीरे-धीरे फाइल खुल रही है भ्रष्टाचारकी।
अब बजा ले मंदिर की घंटियां,
चाहे जय बोल हनुमान की।
अब ढह जाएगी तेरी भ्रष्टाचारकी लंका।
चाहे बजा ले तू कितना भी डंका।
जप्त हो जाएगी तेरी सारी संपत्ति,
और तू आ जाएगा सड़कों पर।
जब बुलडोजर चढ़ेगा, भ्रष्टाचार के पहाड़ पर।