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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

ये पंक्तियां

ये पंक्तियां,सिर्फ पंक्तियां नही हैं
आश्रय स्थान है मेरा
इस बेसबर दुनिया से दूर
यहां एकांत है
न भय है भीड़ में गुम जाने का
यहां एहसास है
वक्त के थम जाने का
ये वही है जो मुझे अपनो से ज्यादा अपनाती है
खुद में मुझे खुद से ज़्यादा रमाती है
चूंकि इसपर केवल मेरा अधिकार है
सो यहां मेरी हर उलझन स्वीकार है
जब मैं इन्हे जोड़कर कविता रचती हूं
लगता है खुद ,खुद को गढ़ते देखती हूं
ये पंक्तियां नही प्रयास है
अपने आप को तलाशने का
क्योंकि मेरे इस प्राचीन घर में
मै और केवल मैं ही रहती हूं!

_ मिनी




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

फ़िज़ा said

Sundar Rachna Bahut khoob.

Kapil Kumar said

Ek kavi hi janta ha ki bo apne emotion kese labjo m utar rha ha. Aapne bahut ache se likha is bat ko.

Ankush Gupta said

जब एक कवि लिखना चालू करता है तो वह कागज वह कलम वह कविता वह लफ्ज़ उसके बहुत करीब होते हैं आपकी प्रस्तुति बहुत सुंदर है

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

उत्तम रचना प्रज्ञा जी, आपके बारे में पढ़ने को मिला आपके परिचय में,बहुत अच्छा सन्देश दिया आपने आपके उच्च विचार बहुत पसंद आये, उसके साथ में आपकी रचनाये भी

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