ये पंक्तियां,सिर्फ पंक्तियां नही हैं
आश्रय स्थान है मेरा
इस बेसबर दुनिया से दूर
यहां एकांत है
न भय है भीड़ में गुम जाने का
यहां एहसास है
वक्त के थम जाने का
ये वही है जो मुझे अपनो से ज्यादा अपनाती है
खुद में मुझे खुद से ज़्यादा रमाती है
चूंकि इसपर केवल मेरा अधिकार है
सो यहां मेरी हर उलझन स्वीकार है
जब मैं इन्हे जोड़कर कविता रचती हूं
लगता है खुद ,खुद को गढ़ते देखती हूं
ये पंक्तियां नही प्रयास है
अपने आप को तलाशने का
क्योंकि मेरे इस प्राचीन घर में
मै और केवल मैं ही रहती हूं!
_ मिनी

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




