इश्क़ में हमेशा बस यही दस्तूर होता है।
यह जिससे भी करोगे वही दूर होता है।।1।।
दिलदार से दिलदार मिलता नही कभी।
फिर भी आशिको को ये मंजूर होता है।।2।।
खुद के दिल पे न कोई जोर चलता है।
हर दीवाना इसमे बड़ा मजबूर होता है।।3।।
उनकी मोहब्बत अब लबों पे आयी है।
हर सच्चा इश्क़ हमेशा मशहूर होता है।।4।।
क्यों ना लड़ जाये वह सारे ज़माने से।
दीवानों को आशिकी पे गुरुर होता है।।5।।
नशा है इश्क़ आशिकों के दिलो का।
इसमे हर पल ही एक सुरूर होता है।।6।।
यह इश्क़ है चाहत का गहरा समंदर।
गर डूबे इसमें फिर ना उरूज़ होता है।।7।।
डरता नही है इश्क़ मौत के अंधेरों से।
दिले आशिकों में वफा का नूर होता है।।8।।
दिल क्या करे जब कोई इसमें घर करे।
मोहब्ब्त करना बस इसे मंसूब होता है।।9।।
मुहब्बत के सिवा कहां कुछ सूझता है।
इश्क में इंसा बड़ा ही मसरूफ होता है।।10।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




