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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

गजल - जब हम चले अकेले

कापीराइट गजल

राहें थी ना मंजिल थी, जब हम चले अकेले
साथ हमारे कोई न था, हम थे निपट अकेले

हम आगे बढ़ते ही रहे कांटों के संग राहों में
यूं झेल रहे थे धीरे-धीरे, एक से एक झमेले

धूल उड़ाते चलते रहे, हम आंधी की बाहों में
साथ थी ये मदमस्त हवा और आंधी के मेले

जब हमको तूफानों ने, घेरा बीच समन्दर में
दगा दे दिया साहिल ने, थे ये लहरों के रेले

मंजिल की चाहत में हम, चलते रहे राहों में
मिलेगी ये मंजिल कैसे, सोच रहे थे अकेले

मिलती है मंजिल सबको कोशिश करने पर
यही सोच कर हम यारो चलते रहे अकेले

गर पाना है मंजिल तू करना कोशिश यादव
वरना मंजिल की राहों में रह जाओगे अकेले

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना)


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

सुभाष कुमार यादव said

बहुत सुंदर रचना।👌👌👌🙏

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात सहित बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार सुभाष जी।

वन्दना सूद said

बहुत खूबसूरत और कोशिश करते रहने की सलाह 👏👏👌👌

Lekhram Yadav replied

आदरणीय वन्दना जी आपकी प्रतिक्रियाएं मेरी रचनाओं से अधिक सटीक और प्रभावी होती हैं आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एव आभार।

कमलकांत घिरी said

बहुत बेहतरीन और प्रेरक रचना सर जी 👌🙌🙏मिलती है मंजिल सबको कोशिश करने पर यही सोच कर हम यारो चलते रहे अकेले..! बहुत सुन्दर, प्रणाम आपको 🙏💐

Lekhram Yadav replied

कमलकांत भाई आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एवं सादर नमस्कार ।

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