कविता : मैं आप के लिए....
मैं ये बात काफी
अच्छे से जानता हूं
आप किसी की
हो इसे मैं मानता हूं
अब आप किसी
गैरो की दिल वाली हो
सौ के सौ परसेंट
मेरी न होने वाली हो
फिर भी घूंट घूंट
कर जहर पी लूंगा
सारी उम्र भर मैं आप
के लिए ही जी लूंगा
सारी उम्र भर मैं आप
के लिए ही जी लूंगा.......
netra prasad gautam