चमकती हुई लड़ियां जैसे कुछ कहना चाहे।
रंग रोगन किए गए बाजार जैसे हँसना चाहे।।
दीपावली पर ज्यादातर अपने घर लौट आते।
खुशी के माहौल में कितना कुछ कहना चाहे।।
हुकूमत की आवामी फेहरिस्त में क्या कुछ है।
यहाँ गरीब भी खुद के मकान में रहना चाहे।।
नौकरी के कैद-ए-हालात खानाबदोश लोग।
शहर शहर भटकते 'उपदेश' करीब रहना चाहे।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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