Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

इन दिनों..

गर्दो–गुब्बार में गुम सा, शहर इन दिनों..
सांसों के जरिए उतरता, जहर इन दिनों..।

ज़माना तो, बख़्श भी देगा मुझको मगर..
बड़ा बेरहम है, हवा का कहर इन दिनों..।

गहरी सांसों का दिल में, एक डर है कायम..
सब घुलमिल से गए हैं, ये पहर इन दिनों..।

समन्दर की शक्ल भी, कितनी बदल गई है..।
चेहरा उसका बार बार धोती है, लहर इन दिनों..।

अब कहां जाकर, अपने दिल को बहलाए हम..
सुकून अब देता नहीं है, हमको घर इन दिनों..।




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

Lekhram Yadav said

बहुत ही सुंदर और लाजवाब रचना, आपको सादर नमस्कार

पवन कुमार "क्षितिज" said

शुक्रिया यादव जी आपका...

उपदेश कुमार शाक्यावार said

अति सुन्दर प्रस्तुति... पर पवन जी को प्रणाम

पवन कुमार "क्षितिज" said

आभार..उपदेश जी

वन्दना सूद said

समन्दर की शक्ल भी, कितनी बदल गई है..। चेहरा उसका बार बार धोती है, लहर इन दिनों..।वाह बहुत सुंदर 👏👏👌👌

सुप्रिया साहू said

शानदार गज़ल सर जी 👌👌 आपको सादर प्रणाम 🙏।

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन