New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

है जनहित में जारी....

सही समय पर करें टैक्स भुगतान
राष्ट्र निर्माण में करें योगदान ।
टैक्स चोरी अपनी ज़मीर की चोरी है।
छोटा सा योगदान कोई समस्या थोड़े हीं है।
गर बनना है विश्व गुरु तो हो जाओ शुरू
सिकंदर नहीं बन जाओ तुम पुरु
आज़ से हीं नेक काम करो
टैक्स भुगतान के साथ साथ आई टी आर भी ।
दौड़ेगी सरपट तब अपनी अर्थव्यवस्था की गाड़ी।
अरे भाई पैसा कोई संचय की वस्तु नहीं
विनिमय की वस्तु है , इसे ना तुम ब्लैक करो।
गर ज्यादा हो संपत्ति तो देश निर्माण में व्यय करो।
याद रख्खों यारों जो भी लिया यहीं से यहीं का यहीं पर छोड़ जाना है।
राष्ट्र निर्माण में योगदान करने वालों को रखता याद ज़माना है।
जो कुछ मदद करतें हैं ।
आम जनता में भागीदार होते हैं ।
जिम्मेदारियों के निर्वाहक ,
तरक्की विकास के चाहक होते हैं।
उनका अनुसरण पूरी दुनियां करती है।
राष्ट्र निर्माण के चाह वालों पर पूरी दुनियां मरती है..
सो सही समय पर टैक्स भरो
आई टी आर फाइल करो
और राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनो
राष्ट्र हित में जनहित में जारी
दिखा दो ताक़त की आई है अब अपनी बारी।
राष्ट्र निर्माण में है अपनी भी भागीदारी...
है जनहित में जारी..
है जनहित में जारी.....




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (1)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Uttam rachna Janhit m jaari aap bahut Kamaal ka likhte hain aanand sir bejod betod bahut achha..🙏🙏

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन