कापीराइट गजल
हम तेरी याद में यारा खोए हैं बहुत
तेरी यादों से लिपटके, रोए हैं बहुत
वो पहली मुलाकात याद है हमको
बीज प्यार के उस में, बोए हैं बहुत
पहली बार जहां पर मिले थे तुमसे
होश इश्क में हम ने, खोए हैं बहुत
उस जगह पर हम मिले हैं जब भी
ख्वाब आंखों में ये संजोए हैं बहुत
बिछङ गए थे तुम जिस दिन हमसे
दिल ने, आंसू लहू के, रोए हैं बहुत
बिछङके तुमसे हम जिन्दा हैं कहां
जिन्दा लाश ने ये गम ढ़ोए हैं बहुत
तुम्हारी याद मुझे जब, आई यादव
जाके कब्र पे तेरी हम सोए हैं बहुत
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है